बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 431 परियोजनाओं की लागत दिसंबर, 2023 तक तय अनुमान से 4.82 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है.
यह एक पुराना आजमाया हुआ नुस्खा है और सरकारें ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर का रास्ता अख्तियार करती हैं.